Today Big News : आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने वाले हैं LiveHindustan.com से खबर आ रही है कि अमेरिका ने भारत पर 340 परसेंट का टैक्स लगा दिया है भारत के शेयर्स बेचने में लगे हैं निवेदक शुल्कों का उपयोग तब किया जाता है जब जब कोई विदेशी सरकार अपने निर्यातकों को सब्सिडी निवेशकों को देती है जिससे उन्हें अपने उत्पादों को ओर देशों में कम कीमतों पर बेचने की परमिशन मिलती है। CVD का मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों को इस तरह की धोखाधड़ी वाले व्यापार से बचना है।
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सोमवार के कारोबारी दिन में 10% की गिरावट नजर आई है, अब यह 389.25 रुपये के को पर जा चुका है. शेयर्स में ऐसी गिरावट आने की वजह है एक टैरिफ लगाए जाने की खबरें आ रही हैं। कंपनी कुछ समय पहले कहां है कि कंपनी ने कहा है कि, उसकी सपोर्टर कंपनी इकोप्योर स्पेशियलिटीज लिमिटेड पर अमेरिकी एम्पलाइज जरिए भारी प्रतिकारी शुल्क (सीवीडी) लगाया जा चुका है। कंपनी का रेगुलेटरी फाइलिंग पर कहना है कि अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने जनवरी से दिसंबर 2023 के आसपास के समय सारणी के लिए इकोप्योर द्वारा जैविक सोयाबीन भोजन के निर्यात पर 340 प्रतिशत सीवीडी लगाने संबंधी प्रारंभिक सूचना जारी की है।
अमेरिका ने लगाया 340% का स्पेशल टैक्स
अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड के द्वारा कहना है कि , प्रतिसंतुलन शुल्क या CVD , आयातित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले इंपॉर्टेंट टैक्स जारी है यही नहीं बल्कि, इन शुल्कों का इस्तेमाल ऐसे हालातों में किया जाता है जब कोई विदेशी सरकार अपने निर्यातकों को सब्सिडी देती है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों को अन्य देशों में कम कीमतों पर बेचने की अनुमति मिलती है। CVD का मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों को इस तरह की अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। जब सब्सिडी के चलते विदेशी उत्पादों में कमी आती है तो स्थानीय व्यवसायों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल साबित हो सकता है CVD लगाकर, ऐसा जरूरी नहीं है कि कोई भी देश इन आयातित अन्य चीजों की महंगाई बढ़ा सकती है इस वजह से उसके अपने उत्पादकों के लिए अधिक न्यायसंगत हो जाएगा।
कंपनी के शेयर्स के बारे में
इस कंपनी का मुख्य रूप से कार्य एग्री प्रोडक्ट बनाने का हैं बइस साल शेयर में 9 अप्रैल के बाद ही सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट है देखने को मिली थी यही नहीं बल्कि,इस साल कंपनी के शेयर्स 9 जून को 484 रुपये प्रति शेयर के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गए और जब से शेयर में सिर्फ़ 13 परसेंट की गिरावट नजर आई है. और 2025 शेयर में 0.45 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है. और निफ्टी 50 में 5.2 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है. वही BSE के नतीजे पर नजर डाल जाए, एलटी फूड्स का पूरा मार्केट कैप 14,483.92 करोड़ रुपये है।
कंपनी का कामकाज कैसा है
यह कंपनी करीबन 70 से वर्षों से विशेष चावल और चावल आधारित खाद्य पदार्थों के कामकाज में अच्छी पकड़ बना चुकी है। यह कंपनी काफी सारे देशों में फैली है जैसे की, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और यूरोप और मध्य पूर्व सहित 80 से अधिक देशों में अपना वर्चस्व फैल रही है। इस कंपनी की कुछ प्रमुख ब्रांड्स भी है इनमें दावत और रॉयल जैसे ब्रांड शामिल है इसके अलावा गोल्डन स्टार, 817 एलीफेंट, इकोलाइफ और देवया एलटी फूड्स के स्वामित्व वाले अन्य ब्रांड भी इसमें मौजूद है कंपनी ऑर्गेनिक फ़ूड सेगमेंट में अपना अच्छा नाम बना रही है. अगर मार्च तिमाही देखी जाए तो. मार्च 2025 तिमाही में एलटी फूड्स ने ₹2,260 करोड़ का कुल राजस्व रहा है जो एक साल पहले की अवधि में ₹2,093 करोड़ की मुकाबले में करीबन 8% से ज्यादा है ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (एबिटा) से पहले कंपनी का मुनाफा ₹290 करोड़ रहा है, जो एक साल पहले के समय में ₹262 करोड़ से 11 परसेंट से अधिक रहा है।