मार्केट ओपन होते ही Defence Stocks में आया सहलाब, ₹1.05 लाख करोड़ का विशाल ऑर्डर, DAC ने 10 बड़ी रक्षा डील्स पर लगाई माहोर

मार्केट ओपन होते ही Defence Stocks में आया सहलाब, दरअसल इसका मामला ऐसा है कि डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा व्यावसायिक लेन-देन परिषद (DAC) की मीटिंग में 1.05 लाख करोड़ रुपये के 10 प्रस्तावों को हरी बत्ती मिल गई है. इस ऑर्डर का सबसे अधिक और क्रांतिकारी पहलू यह है कि यह पूरी खरीद ‘Buy इंडियन आईडीएम कैटेगरी के दौरान की जाएगी यह Buy इंडियन IDDM कैटेगरी और इस बिग डील से हमारी सेना को कौन-कौन से महा पावरफुल हथियार प्राप्त होगे।

प्राइवेट सेक्टर के लिए सोने पर सुहागा इस discussion से L&T, Tata Advanced Systems, Kalyani Group, और Adani Defence जैसी भारतीय प्राइवेट कंपनियों के लिए अवसरों एक महासागर जैसा है।

जानिए इस महा डील की पूरी जानकारी

सबसे पहले इसका बजट देख लेते हैं कुल बजट लगभग ₹1.05 लाख करोड़ रुपए के आसपास का है और इसकी प्रस्तावों की संख्या 10 है सबसे खास बात Buy (Indian-IDDM) कैटेगरीइस डील को मंजूरी दी है रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC)Buy (Indian-IDDM)’ का मतलब ” इसका मतलब है – Indigenously Designed, Developed, and Manufactured. सीधे शब्दों में बोले तो, ये सभी हथियार और सिस्टम भारत में ही डिजाइन किए जाएंगे, भारत में ही डेवलप होंगे और भारत में ही बनाए जाएंगे. इसकी डिटेल्स कुछ ऐसी है कि यह ₹1.05 लाख करोड़ का पूरा पैसा विदेशी कंपनियों की जेब में न जाकर, भारत की अपनी सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के पास पहुंचेगी यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को एक रॉकेट बूस्ट देने जैसा है।

जानते है क्या आर्मी सेना को मिलेगा 10 स्वदेशी महा पावरफुल ब्रह्मास्त्र

अब बात कर लेते हैं इस डील्स आर्मी सेना को 10 स्वदेशी ब्रह्मास्त्र से कुछ फायदा होगा या नहीं इस महा-डील से हमारी तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) सेना को इनसे सबसे ज्यादा पावरफुल और ताकतवर सेना बन जाएगी इससे बेहतरीन फायदा होगा, क्या-क्या प्राप्त होगा सेना को

थल सेना की जमीनी ताकत

सबसे पहले तो आर्मी को फायदा होगा आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल (ARV) ये एक तरह से टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों की ‘एंबुलेंस’ होती हैं. अगर युद्ध के मैदान में कोई टैंक खराब हो जाए या फंस जाए, तो ये गाड़ियां उसे सुरक्षित निकालकर वापस लाती हैं औरत से भारतीय जवानों को काफी आसानी होगी।

नौसेना का समुद्री कवच For the Navy

अब दूसरे नंबर पर तो फायदा होगा माइन काउंटर मेजर वेसल MCMV इन जहाजों का काम दुश्मन द्वारा समुद्र में बिछाई गई बारूदी सुरंगों Mines वह पता करके मिटाना होगा ताकि हमारे जहाज सुरक्षित बने रहें.

इसके अलावा मूर्ड माइन्स (Moored Mines) यह भारत को खुद नदियों वाले रास्ते बंद करने में सहयोगी होगा ताकि दुश्मन के जहाज हमारे बंदरगाहों तक न जा सके, सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM) ये नौसेना के जहाजों पर लगने वाली महत्वपूर्ण फास्ट स्पीड से फायर करने वाली हथियार हैं, जो दुश्मन के हवाई जहाज, ड्रोन और छोटी नावों को चंद्र सेकंड दो में ही खत्म कर सकते है। सबमर्सिबल ऑटोनॉमस वेसल, ये बिना इंसान के चलने वाली छोटी पनडुब्बियां हैं, जो कि पानी के नीचे खुफिया तरीकों से निगरानी और जांच पड़ताल का काम करेगी।

सेनाओं के लिए ब्रह्मास्त्र For All Three Services

सबसे पहले है इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम यह सिस्टम दुश्मन के रडार, कम्युनिकेशन और ड्रोन सिग्नल को बंद करके उन्हें अंधा बड़ा कर सकता है।

और फिर दूसरी है सरफेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) जो की जमीन से हवा में मार करने वाली ये मिसाइलें दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और मिसाइलों को मिटाने में बहुत ही मदद करेगी और हमारे आसमान को एक अभेद्य किला मैं तब्दील कर देगी।

इस फैसले के 3 सबसे बड़े फायदे

सबसे पहले है दुश्मनों को सीधा संदेश यह फैसला चीन और पाकिस्तान जैसे पास के लोगों के लिए एक बेहतरीन संदेश है कि इंडिया खुद अपनी रक्षा कर सकता है और वह किसी पर निर्भर नहीं है, हमारी अपनी इंडस्ट्री अब दुनिया के सबसे आधुनिक हथियार बनाएगी

यही नहीं बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिला है क्याकी ₹1.05 लाख करोड़ का यह इन्वेस्ट भारतीय रक्षा उद्योग में लाखों नौकरियां उत्पन्न करेगा, नई तकनीक को आगे बढ़ाएगी और देश की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत करेगा।

प्राइवेट सेक्टर के लिए सोने पर सुहागा इस discussion से L&T, Tata Advanced Systems, Kalyani Group, और Adani Defence जैसी भारतीय प्राइवेट कंपनियों के लिए अवसरों का बेहतरीन मौका है।

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