Anil Ambani Biggest Deal अनिल अंबानी की झोली में नए-नए ऑर्डर्स आ ही रहे हैं इसी बीच एक और बड़ा ऑर्डर अब रिलायंस इंफ्रा एंड अंबानी की कंपनी को मिल चुका है यह आर्डर करीबन 600 करोड रुपए की डील के साथ तय हुआ है, हां दोस्तों हम उसी कंपनी की बात कर रहे हैं जिसकी 2007 में इस कंपनी के शेयर्स की कीमत ₹2500 के आसपास थी इसके शेयर्स खरीदने के लिए लोग टूट पढ़ते थे लेकिन, फिर कुछ ऐसा हुआ कि कंपनी बुरी तरह गिर गई कंपनी के शेयर एकदम से ही धड़ाम से गिर गए और कर्ज के बोझ में कंपनी इसकदर फस गई की दिवालिया होने के कगार पर थीं बल्कि कंपनी पर दिवालिया मामला भी चला.. मतलब यह कंपनी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी इस कंपनी को कभी बर्बादी की मिसाल माना जाता था. कंपनी का कर्ज बढ़कर ₹930000000 तक जा चुका था. कंपनी के शेयर 2500 रुपये से टूटकर 218 रुपये पर आ गए थे. लेकिन फिर समय कुछ ऐसा आया कि इसके दिन ही बदल गए और अब 2025 में इस कंपनी को दनादन ऑर्डर्स बड़े-बड़े डील्स मिल रहे हैं देश ही नहीं विदेशों में भी कंपनी को एक के बाद एक नए प्रोजेक्ट और ऑर्डर हासिल हो रहे हैं।
कंपनी की तरक्की और कारोबारी डिटेल्स
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा का इंफ्रास्ट्रक्चर सैक्टर की ही एक कंपनी है. जिसका कार्य मुख्य रूप से बिजली से लेकर सड़क, मेट्रो रेल, एयरपोर्ट्स और डिफेंस जैसे सेक्टरों में कार्य का है. कंपनी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन की बड़ी कंपनियों में से आती है।अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा को बड़े-बड़े ऑर्डर्स मिलते रहते हैं. Reliance Infrastructure की सपोर्टेड कंपनी को 600 करोड़ रुपये की बड़ी डील हासिल हुई है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक रिलायंस डिफेंस लिमिडेट Reliance Defence को जर्मनी की कंपनी से 6 करोड़ का भी प्रोजेक्ट हासिल हुआ है जर्मनी की गोला-बारूद बनाने वाली एक बड़ी कंपनी द्वारा वेके म्यूनिशन GMBH से 600 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल हुआ है बुधवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को भी मिली है। बता दें कि, यह जर्मनी की कंपनी राइनमेटल ग्लोबल डिफेंस की बड़ी कंपनियों में से एक है. इस सौदे के दौरान ही अनिल अंबानी की कंपनी के लिए लॉग टर्म में डिफेंस एक्सपोर्ट के लिए बढ़िया मौका है।
कंपनी को मिल रहे दनादन ऑर्डर्स, Anil Ambani Biggest Deal
अनिल अंबानी ने फिर से कम बैक किया है और जब से कम बैक हुआ है कंपनी को ऑर्डर पर आर्डर मिलते जा रहे हैं और शेयर्स में भी तेजी देखने को मिल रही है, इससे पहले भी कंपनी को फ्रांस की दसॉल्ट कंपनी से फाल्कन जेट के बड़े-बड़े ऑर्डर्स मिले हैं,इस डील के दौरान रिलायंस इंफ्रा को Falcon 2000 जेट भारत में बनाने और उन्हें बेचने का बड़ा ऑर्डर प्राप्त हुआ है. इससे पहले रिलायंस इंफ्री की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस को जर्मनी की कंपनी Diehl Defence से डील वल्केनो 155 मिमी प्रेसिजन गाइडेड म्यूनिशन बनाने का प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है. यह एक खास किस्म का गोला बारुद है, जो एकदम सटीक निशाने के लिए उपयोग किया जाता है. कपंनी को 50 अरब रुपये का एयरक्राफ्ट अपग्रेड प्रोग्राम का जिम्मा सौंपा गया है।
इसके अलावा भी कंपनी महाराष्ट्र के रत्नागिरी में ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं लगा रही हैं.जहां हर वर्ष 2 लाख आर्टिलरी शेल, 10 हजार टन विस्फोटक और 2 हजार टन के प्रोपेलेंट को बनाने का कार्य है. रिलायंस इंफ्रा को रक्षा मंत्रालय से भी 100 अरब रुपये के ऑर्डर भी प्राप्त हुआ है. सीधी सी बात है बीते 1 साल यानी 2022 से 25 तक अनिल अंबानी की इस कंपनी को ताबड़तोड़ डिफेंस डील्स और प्रोजेक्ट्स के ऑर्डर्स मिलते ही जा रहे हैं।
किस वजह से कंपनी कंपनी में आई तेज़ी?
इसका सीधा सा जवाब है कि कंपनी पर कर्ज बहुत था और जैसे ही कंपनी पर कर्ज कम हुआ यानि अब तो पूरा उतार ही चुका है और कंपनी अब अलग ही चमक रही है रिलायंस इंफ्रा निवेशकों की पहली पसंद बन चुकी है क्योंकि इसमें रिटर्न बहुत बेहतरीन दिया है कंपनी का एक समय था जब बैंक ने NPA घोषित कर दिया था लेकिन समय ऐसा बदला की अब वह कर्ज मुक्त हो गई है. कुछ समय पहले ही कंपनी ने यस बैंक को 273 करोड़ का कर्ज चुककार आप कंपनी कर्ज मुक्त हो चुकी है। कंपनी द्वारा जैसी ही खबर पहुंची की कंपनी कर्ज मुक्त हो चुकी है तो दनादन ऑर्डर्स और निवेशकों का भरोसा फिर से लौट आया FY25 में कंपनी को 4,938 करोड़ का नेट प्रॉफिट मिला है, जो बीते FY24 में यह 1,609 करोड़ रुपये था.कंपनी की उधारी भी अब बिल्कुल नहा के बराबर हो चुकी है और इसका नेट वर्थ बढ़कर 14,287 करोड़ रुपये हो गया है. निवेशकों ने रिलायंस इंफ्रा में 300 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए हैं।